5 दिन में डूब गए 18 लाख करोड़, शेयर बाजार के लिए कैसा होगा साल का अंत? - AWAM AUR KHABAR

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5 दिन में डूब गए 18 लाख करोड़, शेयर बाजार के लिए कैसा होगा साल का अंत?

 

भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांच दिनों से गिरावट का सिलसिला सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को भी जारी है. बीते पांच दिनों में स्टॉक मार्केट में निवेशकों के 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. सिर्फ शुक्रवार की ही बात करें तो बेंचमार्क इंडेक्स, बीएसई सेंसेक्स 1176 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं दूसरी तरफ, निफ्टी50 भी 364.20 अंक नीचे जाकर बंद हुआ. हालांकि, मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट की लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस गिरावट के बावजूद भी साल 2024 का आखिरी सप्ताह शेयर बाजार के लिए खुशियों भरा होगा.

BSE में गिरावट

पिछले पांच दिनों की लगातार गिरावट के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 441 लाख करोड़ रुपये रह गया. अकेले शुक्रवार को ही निवेशकों के 8.77 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. इस हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 5% गिरा और कुल मिलाकर तीन ट्रेडिंग सत्रों में सेंसेक्स ने 1,000 से अधिक अंकों की गिरावट देखी.

13 दिसंबर को सेंसेक्स 82,133 पर था, जबकि शुक्रवार को यह 78,041.59 पर बंद हुआ. इसी तरह, निफ्टी भी 13 दिसंबर के 24,768 स्तर से फिसलकर 23,587.50 पर आ गया.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों पर बड़ा असर

देश की बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर शुक्रवार को 52-सप्ताह के निचले स्तर 1,210.15 रुपये पर पहुंच गए. इस हफ्ते रिलायंस के शेयरों में 5% की गिरावट दर्ज की गई और इसका मार्केट कैप 85,525 करोड़ रुपये कम हो गया. कारोबार के अंत में रिलायंस के शेयर 1,206 रुपये पर बंद हुए, जो इसके ऑलटाइम हाई से लगभग 25% कम है.

साल के अंत में बाजार में सुधार की संभावना

हालांकि, लगातार गिरावट के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2024 का अंत सकारात्मक रहेगा. मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत आर्थिक विकास और घरेलू निवेश प्रवाह के चलते निफ्टी में सालाना 13% की बढ़त दर्ज हो सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारतीय बाजार ने कई वैश्विक चुनौतियों, जैसे भू-राजनीतिक तनाव, भारत में आम चुनाव और बजट जैसी घटनाओं का सामना किया है. सितंबर में निफ्टी ने 26,277 के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ था. मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति और कॉर्पोरेट आय के चलते बाजार की मजबूती बनी रही.

2025 में क्या होगा

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2025 में बाजार का प्रदर्शन दो हिस्सों में बंट सकता है. पहली छमाही में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है, जबकि दूसरी छमाही में बाजार में सुधार की संभावना है.


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