जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार के पहले बजट को लेकर कहा कि ऐसी बुनियाद रखी जाएगी जिसपर पांच साल तक काम हो और लोगों की समस्याओं का हल हो सके. उमर अब्दुल्ला ने साथ ही कहा कि एक बार के बजट से सारी समस्या हल नहीं होगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक श्रीनगर में मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं जानता हूं कि लोगों की अपेक्षाएं हैं. हमारी कोशिश रहेगी कि जनता की अपेक्षा पर खरे उतरें. लेकिन अहसास होना चाहिए कि जनता ने हमें पांच साल दिए हैं. ऐसा नहीं होगा कि पहले ही बजट में समस्या का हल हो जाएगा लेकिन अच्छी शुरुआत होगी. यह कोशिश होगी कि बुनियाद कायम हो, जिसपर पांच साल बनाते रहे और मुश्किलें हल करें.''
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहला बजट सत्र
छह साल के बाद जम्मू-कश्मीर का पहला बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. इसकी शुरुआत 3 मार्च से होगी. अंतिम बार बजट फरवरी 2018 में पेश किया गया था. विधानसभा और निर्वाचित सरकार ना हो पाने के कारण 2019 से लेकर 2024 के बीच जम्मू कश्मीर का बजट संसद द्वारा ही पारित किया जाता रहा है. इतने साल के अंतराल के बाद यहां की सरकार अपना बजट पेश करेगी.
भारत और पाकिस्तान के बीच फ्लैग मीटिंग होने के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''अगर फ्लैग मीटिंग हुई है तो अच्छी बात है. अगर तनाव को बिना किसी ताकत का इस्तेमाल किए कम किया जाए, यही तो मकसद होता है फ्लैग मीटिंग का.'' यह फ्लैग मीटिंग 75 मिनट तक चली. इसमें सीमा पर शांति बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया गया.