जबलपुर में गरीबों को परोसा जा रहा सड़ा-गला गेहूं, मुस्लिम बहुल इलाकों में सबसे खराब हालात - AWAM AUR KHABAR

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जबलपुर में गरीबों को परोसा जा रहा सड़ा-गला गेहूं, मुस्लिम बहुल इलाकों में सबसे खराब हालात


जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुफ्त राशन योजना का उद्देश्य देश के हर गरीब परिवार तक खाद्यान्न पहुंचाना था, लेकिन जबलपुर में इस योजना की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। खासतौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में जो गेहूं पहुंचाया जा रहा है, वह इतना घटिया और गंदा है कि जिसे जानवर भी न खाएं।



डिपो में हो रही मनमानी, अधिकारी और नेताओं की मिलीभगत



शहर के विभिन्न राशन दुकानदारों से जब इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने साफ कहा कि वे मजबूर हैं, क्योंकि जो अनाज डिपो से उन्हें मिल रहा है, वही वे बांटने को बाध्य हैं। यानी समस्या की जड़ जबलपुर के खाद्यान्न डिपो में है, जहां से सड़ा-गला और निम्न गुणवत्ता वाला गेहूं राशन दुकानों तक भेजा जा रहा है।



सूत्रों के अनुसार, इस अनियमितता के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों और कुछ प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। खासतौर पर सत्ताधारी दल के एक क्षेत्रीय विधायक पर आरोप लग रहे हैं कि उन्हीं की शह पर यह गोरखधंधा चल रहा है। इस मिलीभगत के चलते गरीब जनता तक साफ-सुथरा अनाज नहीं पहुंच पा रहा, और वे मजबूरी में घटिया गेहूं लेने को विवश हैं।




गरीब जनता और दुकानदारों की लाचारी

राशन दुकानों पर आने वाले लोगों में खासतौर पर मुस्लिम इलाकों के नागरिकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार की योजना तो अच्छी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर उसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। कई दुकानदार भी बेबस हैं, क्योंकि वे यदि घटिया राशन लौटाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है या फिर उनका कोटा बंद करने की चेतावनी दी जाती है।



प्रशासन की चुप्पी और जनता का आक्रोश



इस पूरे मामले में प्रशासन अभी तक चुप्पी साधे हुए है। जबलपुर के खाद्य आपूर्ति विभाग से जब इस संबंध में सवाल किए गए, तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला। हालांकि, पीड़ित नागरिक अब आवाज उठाने लगे हैं और प्रशासन से इस मामले में तत्काल जांच व कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।



यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो जनता विरोध प्रदर्शन कर सकती है। साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि क्या सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को इसी तरह से भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ने दिया जाएगा?

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