मध्य प्रदेश के जबलपुर से घोटाले की एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां धान खरीदी में 5 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक साथ 22 कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराई है. मामले की जांच की जा रही है.
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर जिले के पनागर, मझौली, कटंगी खरीदी केंद्रों के समिति प्रबंधक, केंद्र प्रभारी कंप्यूटर ऑपरेटर और ग्राउंड सर्वेयर पर अमानत में ख़यानत और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
पांच सदस्यीय समिति ने की जांच
दरअसल जिला कलेक्टर और खाद्य विभाग को शिकायत मिली थी कि इन सभी खरीदी केंद्रों पर कागज में धान खरीदी दिखाकर सरकार से करोड़ों का भुगतान ले लिया गया है. मामले में जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई. इस समिति ने जब इन सभी खरीदी केंद्रों पर धान के स्टॉक का मिलान किया तो गड़बड़ी का पता चला. जांच के दौरान पता चला कि सभी खरीदी केंद्रों में लगभग 22 हजार क्विंटल से अधिक की धान का कोई अता-पता नहीं है.
अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही
मामले में एक साथ 22 कर्मचारियों पर हुई एफआईआर को प्रशासन की ओर से अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. जिसमें 5 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है.
5 कर्मचारियों को जेल भेजा
जिला कलेक्टर के सख्त रवैए को देखते हुए पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए समिति प्रबंधक अजय दत्त मिश्रा केंद्र प्रभारी मोहिनी पाठक कंप्यूटर ऑपरेटर विश्वास खरे और ग्राउंड सर्वेयर विकास खरे समेत कुल 5 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि अन्य कर्मचारी फरार बताए जा रहे हैं. पुलिस इन सब की सरगर्मी से तलाश कर रही है.