शिव सेना यूबीटी का मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में औरंगजेब को गौरव बताने को लेकर जारी विवाद पर रविवार को संपादकीय छपा है. संपादकीय में राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सपा नेता अबू आजमी पर हुई कारवाई को एक तरफा करार दिया है. साथ ही भैयाजी जोशी के खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज ना करने पर महायुति सरकार को भी घेरा है. उन्होंने लिखा है कि महाराष्ट्र में ढोंग बढ़ता जा रहा है.
शिव सेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने लिखा है, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता भैयाजी जोशी ने मुंबई आकर कहा था कि मुंबई की भाषा मराठी नहीं है. इस पर राज्य सरकार गोल-मोल जवाब देकर चुप्पी साध गई. मराठी का अपमान करने वाले और औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले अपने ही घर के हैं. अबू आजमी पर कार्रवाई हुई, लेकिन बीजेपी परिवार के इन गुनहगारों को कौन बचा रहा है?"
भैयाजी जोशी ने महाराष्ट्र का दिल दुखाया
संजय राउत ने आगे लिखा है कि भैयाजी जोशी ने घोषणा की है कि मुंबई में घाटकोपर जैसे इलाके की भाषा गुजराती ही है. मुंबई में दिए गए इस बयान ने महाराष्ट्र का दिल दुखाया है. केंद्र सरकार ने मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया. छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी राजा की है यह मराठी भाषा. इसी भाषा से महाराष्ट्र का निर्माण हुआ. उस महाराष्ट्र के लिए शहादत देने वाले 106 शहीदों की भाषा मराठी, लेकिन भैयाजी जोशी जैसे वरिष्ठ नेता `मराठी क्यों?’
यही बयान अबू आजमी ने दिया होता तो...
इसके अलावा, संपादकीय में संजय राउत ने लिखा है कि मुंबई आकर जो बयान भैयाजी जोशी ने दिया अगर वैसा बयान लखनऊ से आए समाजवादी पार्टी के नेता या अबू आजमी ने दिया होता तो सदन में देवेंद्र फडणवीस और उनके विधायकों ने हंगामा कर दिया होता और उन सभी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया होता, लेकिन भैयाजी जोशी तो बीजेपी के नेता हैं. किसी ने उनका विरोध भी नहीं किया और विधानसभा में मुख्यमंत्री फडणवीस ने जो जवाब दिया उससे सभी खुश हो गए. फडणवीस ने कहा, `मुंबई की भाषा मराठी ही है,’ लेकिन वे उस भाषा पर हमला करने वालों को अभय दे रहे हैं.
महायुति सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
दरअसल, महाराष्ट्र में मराठी भाषा, इतिहास और स्वाभिमान के मामले में देवेंद्र फडणवीस सरकार किस तरह से दोहरी भूमिका निभा रही है यह देखना जरूरी है? समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने विधान भवन परिसर में औरंगजेब का गुण-बखान किया. इससे शिवराय और संभाजी राजा का अपमान हुआ. सरकार ने अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित कर दिया. अब हर कोई उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है, लेकिन बीजेपी से जुड़े `महान’ लोगों ने इस दौरान दिनदहाड़े शिवराय का अपमान किया. वे सभी लोग आजाद हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राहुल सोलापुरकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर अब तक का सबसे गंदा आरोप लगाया. राहुल सोलापुरकर ने शिवाजी महाराज के भ्रष्टाचारी होने की बात कही. सोलापुरकर ने यह कहकर आगरा से छूट निकलने का इतिहास ही बदल दिया कि `महाराज का औरंगजेब की कैद से `आगरा’ से निकलना बिल्कुल भी बहादुरी नहीं थी. महाराज ने पहरेदारों और औरंगजेब के लोगों को रिश्वत दी और छूट गए.’ इस बाबत सोलापुरकर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
