मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी को जेडीयू से जुड़े नेता झटके पर झटका दे रहे हैं. वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है. इसी बीच जेडीयू में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसा लग रहा है कि कमजोर करने की कोशिश हो रही है. भले ही इस्तीफा देने वाले छोटे स्तर के नेता हों, लेकिन वे पार्टी में किसी न किसी पद से जुड़े हुए थे. अब जेडीयू के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग ने पार्टी से इस्तीफा दिया है.
मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग पार्टी के प्राथमिक सदस्य एवं अन्य जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है. उन्हों ने सीएम नीतीश कुमार को त्यागपत्र लिखा है. पत्र में लिखा है, "वक्फ संशोधन बिल के प्रति आपकी (नीतीश) पार्टी के समर्थन ने मेरे विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है." पत्र की प्रतिलिपि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भी भेजी गई है.
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त्यागपत्र में मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग ने खुद को जेडीयू का एक निष्ठावान कार्यकर्ता बताया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कभी यह अनुमान नहीं था कि जेडीयू इस (वक्फ संशोधन बिल) विधेयक का समर्थन करेगी. दावा किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. आगे जेडीयू में भगदड़ भी मचने की बात भी कही है.
तबरेज सिद्दीकी अलीग ने त्यागपत्र में लिखा है, "जिस मुस्लिम समाज ने बीते 19 वर्षों से पार्टी का समर्थन किया, उन्हीं के खिलाफ इस प्रकार का निर्णय लिया गया. यह कृत्य उन लाखों समर्थकों के विश्वास के साथ विश्वासघात है, जिन्होंने आपको बार-बार मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया. इस परिस्थिति में मेरी अंतरात्मा मुझे जनता दल यूनाइटेड में बने रहने की अनुमति नहीं देती. अतः मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी दायित्वों से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं."
बता दें कि इसके पहले बीते गुरुवार (03 अप्रैल, 2025) को मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने इस्तीफा दिया है. मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग को मिलाकर अब तक तीन नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. सिद्दीकी का त्यागपत्र भी बीते गुरुवार (03 अप्रैल, 2025) की तारीख का है.