लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को केरल के कोट्टयम में आयोजित 'ओमन चांडी स्मृति संगमम' में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत ओमन चांडी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर राहुल गांधी ने ओमन चांडी को अपना गुरु बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति दूसरों की भावनाओं को समझने और उनके प्रति संवेदनशील होने पर आधारित थी.
उन्होंने कहा कि भारत में गुरु का अर्थ केवल शिक्षक नहीं होता, बल्कि वह होता है जो अपने कार्यों से दिशा दिखाता है. कई मायनों में ओमन चांडी जी मेरे गुरु थे और केरल के कई लोगों के गुरु भी गुरु थे. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि केरल के अनेक युवा चांडी के नक्शेकदम पर चलेंगे और केरल की राजनीति की परंपरा के अनुरूप आचरण करेंगे.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया साथ
कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन में कहा कि 2004 से राजनीति में आने के बाद के सालों में उन्होंने अनुभव किया कि लोग किसी राजनेता की बोलने या सोचने की क्षमता से अधिक महत्व उसकी दूसरों की भावनाओं को महसूस करने की क्षमता को देते हैं.
राहुल गांधी ने बताया कि अपने 21 सालों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने ओमन चांडी को भावनाओं की राजनीति का महारथी पाया. उन्होंने याद किया कि कैसे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान डॉक्टरों की सलाह के बावजूद चांडी चलने से नहीं रुके. मैंने उन्हें सचमुच केरल के लोगों के लिए समर्पित देखा.
आरएसएस और सीपीआई लोगों की भावनाओं के प्रति उदासीन
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आरएसएस और सीपीआई(एम) से वैचारिक स्तर पर लड़ते हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि ये दोनों संगठन लोगों की भावनाओं के प्रति उदासीन है. इस दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद थे