तेजस्वी यादव ने बिहार अधिकार यात्रा में नीतीश सरकार पर हमला बोला. - AWAM AUR KHABAR

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तेजस्वी यादव ने बिहार अधिकार यात्रा में नीतीश सरकार पर हमला बोला.

 





बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है. नेता प्रतिपक्ष और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर बड़ा हमला बोला.


तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार को घेरते हुए तंज कसा कि 20 वर्षों की भ्रष्ट मोदी-नीतीश सरकार ने अपने आधिकारिक बयानों में भ्रष्टाचार की असफलता का ठीकरा चूहों पर फोड़ा है.
9,00,000लीटरशराब गटक गएचूहें- तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर करारा वार किया. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि बिहार में जब-जब भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, सरकार ने दोष चूहों पर डाल दिया.



तेजस्वी ने एक-एक कर कई उदाहरण गिनाए. उन्होंने कहा कि सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार-बिहार के चूहों ने थानों में रखी 9,00,000 लीटर शराब गटक ली.
चूहों ने 1100 करोड़ रुपये की लागत से बने नए बांध को कुतर दिया.
चूहों ने 7,819 करोड़ की लागत से बने 113 पुल-पुलियों को नुकसान पहुंचाया, जिसके चलते कई पुल ध्वस्त हो गए.
चूहों ने एनएमसीएच अस्पताल में नवजात की अंगुली तक कुतर दी.
पोस्टमॉर्टम के लिए रखी गई डेड बॉडी की आंख तक निकाल ली.
चूहों की वजह से जल संसाधन विभाग को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ.
बाढ़ राहत सामग्री तक चूहे खा गए, जिससे राज्य की जनता तक मदद नहीं पहुंच सकी.

भ्रष्टाचार की राह परएनडीएकी सरकार- तेजस्वी



राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि यह घटनाएं बताती हैं कि बिहार की सरकार कितनी भ्रष्ट और असफल है. जब असली भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की बात आती है, तो सरकार बहानेबाजी में लग जाती है और चूहों पर ठीकरा फोड़ देती है.

उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर बिहार की जनता कब तक ऐसी असफलताओं का बोझ झेलेगी. 'सुशासन बाबू' के नाम पर बनी सरकार ने बिहार को बदहाली और भ्रष्टाचार की राह पर धकेल दिया है.
तेजस्वी ने फिर बढ़ा दीएनडीएकी मुश्किलें

तेजस्वी यादव की इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया मिल रही है. समर्थक इसे सरकार पर तंज कसने का असरदार तरीका बता रहे हैं, वहीं विरोधी दलों के नेता इसे सिर्फ चुनावी स्टंट कहकर खारिज कर रहे हैं.

बिहार की सियासत में चूहों का मुद्दा नया नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने इसे अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाकर एक बार फिर से एनडीए सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं

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