एमपी में 94 लाख से ज्यादा लोगों को मिला काम 56 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ, - AWAM AUR KHABAR

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एमपी में 94 लाख से ज्यादा लोगों को मिला काम 56 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ,

 



मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ की घोषणा को जमीन पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है. खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को बढ़ावा देकर लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि सरकार की योजनाएं युवाओं, महिलाओं और स्वरोजगार चाहने वालों के लिए वरदान साबित हो रही हैं.


मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि अब तक प्रदेश में 18 लाख एमएसएमई इकाइयों के जरिए 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे 94 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. इसके अलावा 5,342 स्टार्टअप्स, 72 इनक्यूबेटर और 2,542 महिला स्टार्टअप्स ने भी 54 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है.




युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने पर जोर

काश्यप ने बताया कि सरकार की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के जरिए साल 2024-25 में अब तक 10,352 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है. रोजगार बढ़ाने के लिए एमएसएमई विकास नीति 2025, स्टार्टअप नीति 2025 और औद्योगिक भूमि आवंटन नियम 2025 लागू किए गए हैं. इनमें प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को खास प्रोत्साहन मिल रहा है.

स्टार्टअप नीति का लक्ष्य 10 हजार डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को सहयोग देना है. इसका सीधा फायदा नए और छोटे उद्यमियों को मिल रहा है, जिससे वह अपना काम शुरू करके न सिर्फ खुद कमाई कर रहे हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

कॉन्क्लेव में दिखाई योजनाओं की ताकत

हाल ही में रतलाम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव में सरकारी योजनाओं की सफलता सामने आई. इसमें बताया गया कि साल 2025-26 के लिए अब तक 2.37 लाख से ज्यादा लोगों को 2,400 करोड़ रुपये का कर्ज बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से मिला है.

इसके अलावा राज्य के 4 लाख से अधिक लोगों को 3,861 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज स्वरोजगार योजनाओं के तहत दिया गया. 880 एमएसएमई इकाइयों को भी 269 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई है.

पन्ना जिले के गांव गिरवारा के रहने वाले रवि पाठक ने एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के जरिए 133.83 लाख रुपये का निवेश कर अर्चना राइस मिल शुरू की. इस पर उन्हें 53.53 लाख रुपये की सब्सिडी मिली. इस व्यवसाय से न सिर्फ रवि आत्मनिर्भर बने, बल्कि उन्होंने 7 अन्य लोगों को भी रोजगार दिया. आज वे अपने गांव में युवाओं को भी इस योजना की जानकारी देकर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं.

धार के राकेश बने 'आईकॉन'

धार जिले के राकेश गहलोत ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 25 लाख रुपये का कर्ज लेकर पेंट और हार्डवेयर शॉप शुरू की. शुरुआती कठिनाइयों के बाद उन्होंने अपने बिजनेस को मजबूत किया और अब उनका सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है. राकेश बताते हैं कि पहले वे बहुत परेशान थे, लेकिन शासन की योजना ने उन्हें रास्ता दिखाया. आज वे अपने क्षेत्र में प्रेरणा बन चुके हैं.

सरकार का फोकस- हर हाथ को काम

प्रदेश सरकार का कहना है कि उनका फोकस साफ है, हर हाथ को काम देना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना. इसके लिए योजनाएं बनाकर उन्हें लागू किया जा रहा है. मंत्री काश्यप ने बताया कि इन योजनाओं से जुड़ी सफल कहानियां यह साबित करती हैं कि अगर सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो कोई भी व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत बन सकता है. सरकार अब इस अभियान को और आगे ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है

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