छिंदवाड़ा के चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया है. - AWAM AUR KHABAR

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छिंदवाड़ा के चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया है.

 





मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया है. गर्भवती महिला सोना बनवारी की डिलीवरी अस्पताल के बाथरूम में हुई, जहां फर्श पर गिरने से नवजात की मौत हो गई. घटना 12 सितंबर की देर रात की है. ग्राम मंदरिया निवासी महिला को परिजन प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाए थे.


आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने डॉक्टर को सूचना दिए बिना स्वयं जांच की और कहा कि डिलीवरी में समय है. महिला को लेबर रूम के बजाय सामान्य वार्ड में भर्ती कर दिया गया. देर रात प्रसव पीड़ा बढ़ने पर परिजन महिला को बाथरूम ले गए, जहां प्रसव हो गया और नवजात गिरने से उसकी मौत हो गई.
अस्पताल प्रबंधन पर बड़ा सवाल

अस्पताल प्रबंधन पर सवाल है कि प्रसूति की जांच के लिए सक्षम ड्यूटी डॉक्टर को कॉल करके क्यों नहीं बुलाया गया. महिला को लेबर रूम में रखने के बजाय जनरल वार्ड में क्यों एडमिट किया गया?
सीसीटीवीफुटेजकी मदद से की जा रही है जांच

परिजनों की शिकायत पर एसडीएम प्रभात मिश्रा ने जांच टीम गठित कर दी है और अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा गया है. सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र गोन्नारे ने बताया कि भर्ती के समय जांच में बच्चे का फीटल हार्ट साउंड सुनाई नहीं दिया था. मामले की जांच सीसीटीवी फुटेज और अन्य तत्वों के आधार पर की जा रही है.
क्या कहा प्रसूति सोना बनवारी ने?

प्रसूति सोना बनवारी ने कहा ,“देर रात अस्पताल पहुंची तो नर्स ने जांच कर बताया कि बच्चेदानी का मुंह नहीं खुला है और हार्ट-बीपी सब ठीक है. नर्स ने कहा – अभी जाकर सो जाओ, डिलेवरी कल शाम होगी. इसके बाद वार्ड में एडमिट करवा दिया गया. अचानक दर्द होने पर नर्स ने फिर चेक किया और मुझे वापस वार्ड भेज दिया. बाद में मैं पेशाब के लिए टॉयलेट गई, वहीं अचानक डिलीवरी हो गई और बच्चा फर्श पर गिरकर मर गया.”
सीएमएचओडॉ. नरेंद्रगोन्नारेकाबयान

आरोपों पर डॉक्टर ने कहा, “12 सितंबर को चौरई अस्पताल के बाथरूम में महिला की अचानक डिलीवरी हुई, जिसमें नवजात की मौत हो गई. भर्ती होने के बाद जांच में बच्चे का फीटल हार्ट साउंड सुनाई नहीं दिया था. मामले की जांच सीसीटीवी फुटेज और अन्य तथ्यों के आधार पर की जा रही है. अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है और राउंड द क्लॉक डॉक्टर की मौजूदगी संभव नहीं है, केवल ऑन कॉल चिकित्सक को बुलाया जाता है

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