कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार (6 सितंबर 2025) को कहा कि चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई पर हमला सिर्फ उनपर नहीं, बल्कि संविधान पर भी हमला है. उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय चीफ जस्टिस पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं. यह न केवल उनपर (सीजेआई पर), बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है.’’
सोनिया गांधी ने न्यायिक प्रणाली के साथ एकजुटता का आह्वान किया
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘चीफ जस्टिस गवई बहुत सहृदय हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए.’’ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने CJI गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की.
घटना के बाद सीजीआई ने अपना संयम बनाए रखा और अदालत कक्ष में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया. आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गयी. वह मंच के पास पहुंचा, अपना जूता निकाला और उसे जस्टिस की ओर उछालने का प्रयास किया.
'भारत के चीफ जस्टिस का अनादर करने का प्रयास'
प्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. एसोसिएशन ने कहा, "एक वकील के कृत्य पर हम सर्वसम्मति से पीड़ा व्यक्त करते हैं, जिसने अपने अनुचित और असंयमित व्यवहार से भारत के चीफ जस्टिस और उनके साथी जजों के पद और अधिकार का अनादर करने का प्रयास किया. एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि इस तरह का व्यवहार न सिर्फ बार के सदस्य के लिए अस्वीकार्य है, बल्कि यह बेंच और बार के बीच आपसी सम्मान की नींव को कमजोर करता है."
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, "माननीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है. यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है.
