देश के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की गई. अदालत में एक वकील ने हंगामा काटते हुए जज के ऊपर कथित तौर पर जूता फेंकने का घोर कृत्य को अंजाम दिया गया. इस बात की पुष्टि वहां मौजूद अन्य वकीलों ने की है. इसी बीच इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि, कुछ लोगों के हाथों में जाकर तो जूता भी खुद को अपमानित महसूस करता है. फिलहाल उनके इस ट्वीट की जमकर चर्चा हो रही है.
अखिलेश यादव ने किया ये ट्वीट
सपा प्रमुख ने अपने ट्वीट में लिखा, पीडीए समाज का अपमान करने वाले ऐसे असभ्य लोग दरअसल अपने दंभ और अहंकार के मारे होते हैं. इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए जितनी होती है, उतनी ही समाज के सबसे कमजोर अंतिम व्यक्ति के लिए भी. ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से घोर ग्रसित होते हैं. अखिलेश ने लिखा, हम इसलिए कहते हैं, पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’. पीडीए समाज की उदारता और भलमनसाहत 5000 सालों से ऐसे लोगों को माफ करती आई है, लेकिन इस हद तक अपमान के बाद पीडीए समाज अब और नहीं सहेगा.
अखिलेश ने भाजपा पर बोला हमला
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए लिखा कि, भाजपा और उसके संघी-साथी अपनी सत्ता के अंतिम दौर में हैं , क्योंकि उनकी भ्रष्ट चुनावी साजिश का भंडाफोड़ हो चुका है, वो अब कभी नहीं जीतेंगे. इसीलिए हताश होकर वो ऐसे कु-कृत्य कर रहे हैं.
आगे ट्वीट में बताया, भाजपाई इस बार जाएंगे तो फिर कभी नहीं आएंगे. जब आबादी का 90% हिस्सा अपने हक़-अधिकार के लिए जाग चुका है, तब 10% का गुरूर और सिंहासन अब नहीं टिकेगा. भारत के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में ये दौर ‘अपमान बनाम सम्मान’ के संघर्ष का है. पीडीए अपने स्वाभिमान और स्वमान का ये अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा.
