मध्य प्रदेश के उज्जैन की महाकाल थाना पुलिस ने महामंडलेश्वर और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने और अमानत में खयानत करने के साथ-साथ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि इंदौर के रहने वाले सोहिल पटेल पिता घनश्याम पटेल की ओर से की गई शिकायत के बाद महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज, BJP नेता अशोक प्रजापत, महावीर प्रसाद निवासी मक्सी और ओमप्रकाश अग्रवाल निवासी चार धाम मंदिर के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत करने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि यह मुकदमा महाकाल थाना पुलिस ने दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. बताया जाता है कि फरियादी ने पूरे मामले को लेकर न्यायालय की शरण ली थी. न्यायालय के निर्देश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
क्या है पूरा मामला?
फरियादी सोहिल के मुताबिक उज्जैन के अखंड आश्रम ट्रस्ट के बायलाज के हिसाब से परमानंद महाराज ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष थे. इसके बाद भी शांति स्वरूपानंद महाराज ने स्वयं को अध्यक्ष बनते हुए 3,00,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से धर्मशाला का अनुबंध किया था. इस प्रकार उनके द्वारा अमानत में खयानत की गई और करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया.
प्रजापत को मिल चुका है राज्य मंत्री का दर्जा
इस मामले में माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और BJP नेता अशोक प्रजापत को भी आरोपी बनाया गया है. प्रजापत पूर्व में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा, चार धाम मंदिर के ओमप्रकाश अग्रवाल और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज भी इस मामले में आरोपी हैं.
महाकाल थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. फिलहाल, किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है.